मंगलवार, 2 सितंबर 2014

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फिल्म एक नजर में : दी रेड 2 : ब्रैंडल

जेनर : एक्शन ,मच्योर ,
‘रामा ‘ ( इको उवैस ) ,‘टामास अपार्टमेंट ‘ में हुयी अपराधिक मुठभेड़ में खोये अपने सारे 
साथियो के कारण निराश है !
लेकिन उसे संतोष है के उसने और उसके साथियो ने मिलकर एक खूंखार गैंग का सफाया कर दिया .

लेकिन उसका सोचना गलत था ,उस बिल्डिंग में मारे गए लोग तो मात्र अपराध के 
तालाब की छोटी मछलिया थी ,असल मगरमच्छ तो अभी भी आजाद थे ! 
इसकी भयावहता का अंदाजा ‘रामा ‘ को तब होता है जब उसके भाई को मार दिया जाता है ,
रामा को उसके अधिकारियों द्वारा सूचित किया जाता है के शहर अंडरवर्ल्ड के साए में है !
जिसकी पहुँच बहुत ऊपर तक है , और जिसे नेस्तनाबूद करने के लिए उसकी जड खोदनी जरुरी है .
इसके बाद शुरू होता है एक लम्बा सफ़र ,जिसमे ‘रामा ‘ अपनी नौकरी छोड़ अंडरकवर होकर योजना के 
तहत अंडरवर्ल्ड के चीफ और पोलिटिशियन ‘बेंजन’ ( टीओ पाकुसदेओ ) के एकलौते बेटे ‘यूको ‘( अरिफिन पुत्रा ) 
से मिलता है जो जेल में कैद है ,पिता से उसकी अनबन है और वह उग्र स्वभाव का है ! 
जहा ‘बेंजंन ‘ शहर में अपना बिजनेस शान्ति से चलाना चाहता है बिना किसी की नजर में आये तो वही ‘यूको ‘ 
इसके खिलाफ है ,उसका मानना है के उन्हें सारे शहर पर राज करना चाहिए क्योकि कानून 
और राजनीतिग्य उनकी मुट्ठी में है ! उसकी ऐसी हरकतों के कारण ही वह एक जेल पहुँच जाता है ,
जहा ‘यूको ‘ पर हमला होता है ,’रामा ‘ भी वहां कैदी के रूप में है और वह यूको की जान बचाकर 
उसका विश्वासपात्र बन जाता है ! जेल से छूट कर ‘रामा ‘ यूको की मदद से ‘बेंजंन ‘ 
के गिरोह में शामिल हो जाता है ! ‘रामा ‘ का समझदार और शांत व्यवहार बेंजं को पसंद आता है 
और वह उसे ‘यूको ‘ की देखभाल का जिम्मा सौंप देता है ! धीरे धीरे रामा उस गिरोह की 
असलियत तक पहुँचता है,लेकिन यहाँ आकर उसे अंदाजा होता है के इनकी जड़े बहुत गहरी है जो 
काटी नहीं जा सकती ,वही ‘यूको ‘ का व्यवहार भी दिन प्रतिदिन उग्र होता जा रहा है ,लेकिन बेंजन अपनी जिद 
पर अडा है ,इसी के चलते यूको ‘बेंजन ‘ प्रतिद्वंदी गिरोह से हाथ मिला लेता है ताकि इस शहर पर उसका राज रहे , 
इसके बाद शुरू होता है गैंगवार का सिलसिला ,जिसमे यूको और उन गिरोहों के सारे प्रतिद्वंदी 
और दुश्मनों को चुन चुन कर खत्म किया जाता है ! और शहर में खुलेआम खून की होली खेली जाती है , 
बेंजन इस में रोड़ा न बने इसलिए यूको बेंजन को भी खत्म कर देता है , गिरोह में ‘रामा ‘ से पहले भी एक 
 अंडर कवर एजेंट था जो बेंजन के साथ काम करता है ,उसकी असलियत पता चलने पर यूको 
उसे भी जान से मारने की कोशिश करता है तब कोई अन्य रास्ता न देख ‘रामा ‘ भी यूको के खिलाफ हो जाता है 
और गिरोह को पूर्ण रूप से खत्म करने में जुट जाता है !
एक तरफ अकेला ‘रामा ‘ और दूसरी तरफ यूको और उसके गिरोह ,साथ में हाईली ट्रेंड खूंखार
 हत्यारों की पूरी फ़ौज !
फिर क्या होता है ? यही अगला भाग है .
फिल्म की शुरुवात बहुत धीमी है ! मध्यांतर तक फिल्म बहुत धीमी गति से आगे बढती है ,
आपसी संवादों में बेवजह का समय व्यर्थ किया गया आश्चर्य इस बात का है के ‘रामा ‘ के 
हिस्से में नायक होने के बावजूद बहुत कम संवाद आये है लगता है !
फिल्म का पहला भाग ‘दी रेड ‘ एक पूरी तरह से एक्शन फिल्म थी जिसमे पूरी फिल्म ,‘
टामास अपार्टमें में ही शुरू होती है और उसी में खत्म होती है ,  लेकिन इसके दुसरे भाग 
में फिल्म को विस्तार दिया गया है ,और कहानी को वर्षो की सीमा में बंधा गया है ,
किन्तु फिल्म में जब एक्शन शुरू होता है तब सांसे रुक जाती है ! पहले भाग में मार्शल आर्ट्स की भरमार थी
 जिसके बाद हम कुछ नए एक्शन को देखने की उम्मीद कम ही रखते है ! 
लेकिन यहाँ वह बात पूरी तरह से गलत साबित होती है और जब एक्शन शुरू होता है तो 
पलभर को भी पलके झपकाना मुश्किल हो जाता है ,फिल्म का बेस चूँकि एक्शन है इसलिए
 एक्शन पर ज्यादा जोर दिया गया है ,लेकिन इसका मतलब यह नहीं के कहानी को भुला दिया गया है ! 
बल्कि यह अपने पहले भाग की अपेक्षा कही बेहतर कहानी साबित होती है ,
फिल्म का क्लाईमेक्स पहले भाग से भी अधिक लम्बा और एक्शनपैक्ड है .
फिल्म में कुछ दृश्य उल्लेखनीय है ! और पूरी तरह से फिल्म को एक एक्शन फिल्म के तौर पर 
प्रस्तुत करने का माद्दा रखते है ,जिसमे सबसे पहला दृश्य है , 
प्रतिद्वंदी गिरोह द्वारा एक पुराने किन्तु लड़ाके सदस्य को क्लब में मारनेवाला दृश्य !
फिर ट्रेन में ‘गूंगी –बहरी ‘ लेकिन गजब की खतरनाक हाईली ट्रेंड महिला किलर द्वारा एक पुरे दल का 
सफाया करने वाला दृश्य ! बहुत ही जबरदस्त बन पड़ा है ,महिला किलर जहा हथियार के तौर पर हथौड़ी 
का बेमिसाल प्रयोग करती है तो वही उसका पार्टनर ‘बेसबोल ‘ 
द्वारा अपने दुश्मनों को नाको चने चबवा देता है, 
दोनों गजब के खूंखार .
जब ‘रामा ‘ इन दोनों से एक साथ लड़ता है तब का दृश्य रोंगटे खड़े कर देता है ! 
गजब की तेजी एक्शन दृश्यों में !
फिर गिरोह के सबसे खूंखार सदस्य से हुयी रामा की भिडंत फिल्म का सबसे जबरदस्त एक्शन दृश्य बनकर उभरता है ! 
जहा ‘रामा ‘ के भी पसीने छूट जाते है ! यह दृश्य बहुत वीभत्स तरीके से फिल्माया गया है ,
हां एक्शन दृश्य लगभग सभी ब्रूटल है जो एक्शन प्रेमियों को हमेशा से पसंद आते है . 
फिल्म काफी डार्क है ,और इसमें कही भी हल्के फुल्के पल नहीं आते ! 
जो के फिल्म के मूड के हिसाब से सही है ,लेकिन फिल्म की खामी स्की लम्बाई ही है ,
कई चीजो को बेवजह खिंचा गया है जिस वजह से फिल्म धीमी और लम्बी हो जाती है !
मध्यांतर के पहले तो उकताहट सी होने लगती है ,लेकिन फिर ‘यूको ‘ के दुसरे गिरोह से हाथ मिलाते ही 
फिल्म में तेजी आती है और हैरतअंगेज एक्शन का न रुकनेवाला सिलसिला शुरू होता है जो फिल्म के 
अंत के साथ ही खत्म होता है .
मार्शल आर्ट्स ,एक्शन ,गैंगवार ,और आपराधिक पृष्ठभूमि वाली फिल्मो को पसंद क
रनेवाले दर्शको को फिल्म अवश्य पसंद आयेगी ! इसके दो भाग आ चुके है ,और फिल्म के ‘ट्रायोलोजी ‘ बनने की घोषणा हो चुकी है ,इसका मतलब इसके ततृतीय भाग के लिए तैयार रहिये .
एक्शन फिल्म के लिहाज से फिल्म को पुरे फाईव स्टार दे सकते है ! ( सिर्फ एक्शन के लिए )


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