शनिवार, 9 अगस्त 2014

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रिश्तो का बाजार !

( यह कोई लम्बी चौड़ी पोस्ट नहीं है , केवल अपने मन की बात है संक्षेप में )
अब चूँकि त्योहारों का मौसम आ चुका है ! 
इसलिए त्योहारों में रिश्तो की दूकान सजाने 
विदेशी कंपनिया भी अपने काम पर लग चुकी है , 
अब ये जता रहे है मानो इन्हें भारतीय त्योहारों की
 आत्मीयता का पूरा ख्याल है ,'@री मिल्क ' @डबरी ' ऐसे जता रहे है
 मानो 'रक्षाबंधन ' का त्यौहार इनके बिना अधूरा है !
माने भाई बहन का संबंध कुछ भी नहीं है !
रिश्ते में मिठास तो इन्ही के कारण है ! तरह तरह की विदेशी कम्पनिया जिनके 
यहाँ इन रिश्तो की कोई अहमियत नहीं वो भी यहाँ रिश्तो के पाठ पढ़ा रही है ,
मतलब मार्किट बना रही है ! हमें पता ही नहीं चलता और ये विदेशी हमारे त्योहारों
 में अपने मार्केट को ठूंस के रिश्तो को दिन ब दिन 'खोखला और दिखावे ' की वस्तु बनाते जा रहे है !
अब कोई भी शुभ काम करने से पहले 'मीठा ' खिलाने के लिए भी चोकलेट की प्रेरणा इन्ही ने दी है ,
भले ही वह शुभकाम किसी लडकी को फ्लर्ट करने का ही क्यों न हो ! 
( याद ही होगा ,''मेरी माँ ने कहा है कोई भी शुभ काम करने से पहले मिठा जरुर खा लेना ) 
भले ही एक बाईट की भिख मांग लो ! '' लार लिसडी हुयी ,गलती टपकती घिन्न आती
 दुसरे की झूठन चाटने ,वह भी बेटी अपने बाप के सामने अपने बोयफ्रेंड से ,
और बहन भाई के सामने बॉयफ्रेंड के मुंह में मुंह डाले बिजबिजाती चोकलेटी लार चाटती
 हुयी कहेगी 'किस मी क्लोज यूउर आईज ''!!!! 
और ये हमें रिश्तो की अहमियत सिखायेंगे , विकृत कही के .
तो भाईयो और बहनों ....इन विदेशियों की मार्केटिंग का शिकार बनकर 
रिश्तो को औपचारिकता न बनने दे ,हमें इनसे सिखने की जरुरत नहीं ! 
ये तो माल बेचने आए है किन्तु हम रिश्तो का मोल क्यों लगाने लगे ? 
रिश्तो को आत्मीयता से 'मिठा ' बनाईये ,डेरी मी*या @डबरी ' से नहीं .
सभी मित्रो ,एवं बहनों को रक्षा बंधन की शुभकामनाये !

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