मंगलवार, 3 जून 2014

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‘’ दी अमेजिंग स्पाईडर मैन 2’’ अपने प्रथम भाग के मुकाबले कही ज्यादा बेहतर बनी है .

इस साल मार्वल की कई बड़ी सुपर हीरोज फिल्मो का दर्शको को बेसब्री से इन्तेजार है ! जिनमे से इस साल की पहली दो फिल्मे आ चुकी है ,प्रथम फिल्म थी ‘कैप्टेन अमेरिका : विंटर सोल्जर ‘ जो काफी पसंद की गयी औ...र सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर गयी .
इसी क्रम में आई है ‘’ दी अमेजिंग स्पाईडर मैन 2’’ ! जब इस फिल्म के पहले भाग के लिए ‘टॉबी ‘ के बजाय ‘एंड्रयू गारफील्ड ‘ को चुना गया था ,तब कई लोगो को शंका थी के शायद ‘एंड्रयू ‘ इस रोल के साथ न्याय न कर सके .
लेकिन ऐसा नहीं हुवा ! फिल्म आने के बाद सभी की शंका निर्मूल साबित हुयी और ‘एंड्रयू ‘ स्पाईडर मैन ‘ के रोल में छा गए थे ,हालांकि आलोचकों को फिल्म उतनी रास नहीं आई थी ,
यहाँ यह बात साफ़ कर देना चाहूँगा के ‘’ दी अमेजिंग स्पाईडर मैन 2’’ अपने प्रथम भाग के मुकाबले कही ज्यादा बेहतर बनी है .
ज्यादा भूमिका न बांधते हुए सीधे कहानी पर आते है ! पिटर पार्कर उर्फ़ स्पाईडर मैन ,अपनी निजी जिन्दगी और सुपरहीरो वाली जिन्दगी के बिच संतुलन बनाने की कोशिश में आये दिन समझौते कर रहा है ! जिसका असर उसकी जाती जिन्दगी और रिश्तो पर भी पड़ रहा है , पिटर ‘ग्वेन ‘ को बहुत चाहता है ,किन्तु ग्वेन के पिता को दिए हुए वचन की वजह से पिटर और ग्वेन का ब्रेक अप हो जाता है .
पिटर अपने माता पिता की मृत्यु के पीछे का सच जानने को उत्सुक है ! जिसकी वह छानबीन कर रहा है , वही दूसरी और पिटर का बचपन का मित्र ‘हैरी ओस्बोर्न ‘ अपने पिता की गंभीर विकृति के चलते हुयी मौत से परेशान है , अब वह ‘ओस्कोर्प ‘ का सी .ए .बन चूका है ,किन्तु उसे भी अपने पिता की बिमारी विरासत में मिली है ! जिस वजह से वह कभी भी मर सकता है ,उसे अपनी जिन्दगी बचाने का एक ही रास्ता नजर आता है और वह है स्पाईडर मैन का खून ,
जिसके जरिये वह अपने शरीर में इस रहस्यमय बिमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना चाहता है ! और वह इसके लिए पिटर की मदद लेता है ,पिटर इस के पक्ष में नहीं है ,उसका मानना है के स्पाईडर मैन का डीएनए हो सकता है के हैरी पर बहुत बुरा असर करे ! लेकिन हैरी नहीं मानता ,वही दूसरी और स्पाईडर मैन का सनकी प्रशंशक ‘मैक्स ‘ जो के हैरी की कम्पनी ओस्कोर्प में कर्मचारी है, की एक दुर्घटना की वजह से पहचान बदल जाती है ! और वह एक इंसान से ‘विद्युत् मानव ‘ में तब्दील हो जाता है ,कुछ गलतफहमियो के बाद वह स्पाईडर मैन के प्रशंषक से उसके दुश्मन में बदल जाता है ,किन्तु स्पाईडर मैन बड़ी मुश्किल से उसपर काबू पाकर उसे कैद कर लेता है ,हैरी को ओस्कोर्प में हुयी इस दुर्घटना के बारे में नहीं पता ! और जब उसे पता लगता है तब उसे ओस्कोर्प से निकाल दिया जाता है और उसके सारे अधिकार छीन लिए जाते है ,अब हैरी स्पाईडर मैन का खून हासिल करने के लिए ‘विद्युत् मानव ‘ इलेक्ट्रो ‘ उर्फ़ मैक्स से मदद लेता है और उसे आजाद करवाता है ,जिसके बाद उसे किसी तरह से डीएनए प्रप्त हो जाता है ,किन्तु उसके प्रयोग से उसमे भयंकर बदलाव हो जाते है और वह एक खतरा बनकर उभरता है, जो स्पाईडर मैन को एक कभी न भर सकनेवाला घाव देकर अपना बदला लेता है !
इन ताकतवर दुश्मनों से कैसे स्पाईडर मैन निपटता है और लोगो में अपने प्रति भरोसा कायम रखता है यही शेष कहानी है .
फिल्म के द्वितीय भाग में पिटर के जीवन का सबसे बड़ी अनसुलझी पहेली यानी उसके माता पिता की मौत की वजह भी पर्दों से बाहर आती है ,पिटर के माता पिता की मौत का सम्बन्ध ‘ओस्कोर्प ‘ जुड़ता है ! फिल्म बहुत बढ़िया बन पड़ी है ,फिल्म में सिर्फ एक्शन दृश्यों पर ही ध्यान दिया गया है ऐसा नहीं है ,फिल्म भावनात्मक रूप से भी जोड़े रखती है , पिटर और ग्वेन का रोमांस भी फिल्म का एक अहम हिस्सा है जो स्पाईडर मैन की विवशता भी दिखाता है !
फिल्म के एक्शन दृश्य लाजवाब बन पड़े है ! थ्रीडी में इसके इफेक्ट्स निखर कर सामने आते है ,पहली फिल्म के मुकाबले यह फिल्म काफी आगे है और अच्छी बन पड़ी है !
फिल्म के अंतिम क्षणों में स्पाईडर मैन का फिर से लौट कर आने का अंदाज काफी पसंद आएगा जहा एक नए खलनायक ‘’राईनो ‘’ को भी दिखाया गया है .
पूरी तरह से मनोरंजक फिल्म है चाहे एक्शन हो चाहे इमोशन चाहे रोमांस यहाँ तक की कॉमेडी भी ,हर तरह का स्वाद है सामान रूप से .
कैप्टन अमेरिका : विंटर सोल्जर से ज्यादा तो नहीं किन्तु उस से कम भी नहीं है ! देख सकते है .
साढ़े चार स्टार ( सुपरहीरो फिल्म की कैटेगरी के हिसाब से )
आधा स्टार इसकी गति के लिए कम हो गया ,फिल्म मध्यांतर के बाद गति पकडती है .
देवेन पाण्डेय

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